Sunday, 15 September 2013

Bhai Chare Me Dushmani Ku


नफरत की लपटों में,
वहशीपन की ज्वाला में ,
वैमनस्यता की आग में ,
जल रही है मानवता ,
सुलग रही है मनुष्यता !!

इस मलिन विचार को  उखाड़ फेको ,
ये दूषित विचारधारा को निकल फेको ,
ये नफरत के बीज  बोना बंद कर दो ,
ये रक्तपात और खूनी खेल भी बंद कर दो ,
ये धार्मिक उन्माद भी बंद कर दो ,
ये लोगो में सामाजिक जहर घोलना बंद  कर दो !!

जब ये सबको मालूम है कि,
 तुम दोनों एक ही डाल के दो शाख हो ,
ये बात तुम दोनों को भी मालूम है !

फिर इतना जुल्म क्यों ?
फिर इतना वहशीपन क्यों ?
फिर ये खूनी खेल  क्यों ?
फिर ये धार्मिक उन्माद क्यों ?
फिर ये मंदिर मस्जिद पे लड़ना  क्यों ?
फिर ये भाई चारे में दुश्मनी  क्यों ?

No comments:

Post a Comment

Thanks