मिलता नहीं मुकद्दर से जादा कभी किसी बन्दे को ,
वो भी अपने मुकद्दर से जादा नहीं पाता ,
जो मुकद्दर का सिकन्दर होता है .
वो भी अपने मुकद्दर से जादा नहीं पाता ,
जो मुकद्दर का सिकन्दर होता है .
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