Saturday 14 May 2016

ख्वाबों का शहर है

ख्वाबों का शहर है , ख्यालों का शहर है
दौलत के भूखे रईसजादों का शहर है ।
उम्मीदों का शहर है , आशाओं का शहर है
पर हकीक़त में ख्याली पुलावों का शहर है ।
दहशत का शहर है, गुनाहों का शहर है
जुल्म सहते अनगिनत बेगुनाहों का शहर है ।
भवनों का शहर है , महलों का शहर है
ज़माने के दौलतमंद अमीरों का शहर है ।
गंदगी का शहर है , गंदे नालों का शहर है
फिजा में फैली जहरीली हवाओं का शहर है ।
शौहरत का शहर है , दौलत का शहर है
लेकिन महँगाई से मरने वाले गरीबों का शहर है ।
संदीप दुबे

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