Monday 27 May 2013

Avaaj

जिसकी आवाज लगती थी दिलकश कभी ,
जिसकी आवाज के बिन दिन था बीतता नहीं,
जिसकी मुस्कुराहटो से दिल था भरता कभी,
जिसकी प्यारी अदाओं से आता था सुकून,
आज वही आवाज सुनने में लगती है जालिम,
आज वही आवाज मुझसे जुदा हो गई !


कितना नासमझ हू जो इसे पहचाना नहीं,
जो आवाज कल तक थी दिलकश तेरी,
आज दिल के लिए वही शूल हो गई!
तडपता हू रोता हू विलखता हू मै,
ज़माने के बदलते दृश्य देखता हू मै,
मोहब्बत भी मेरी किस क़दर बदल गई,
कल तक थी जो मेरी ,
आज किसी और की हो गई!


जिसकी आवाज थी मेरे लिए मोहब्बत कभी,
वही आवाज मुझसे बेवफा हो गई,
जिसकी आवाज लगती थी दिलकश कभी,
बस वही आवाज मुझसे जुदा हो गई!!

1 comment:

  1. kabhi duya bhi de diya karo use
    jisne itna sakoon diya
    kabhi uska dhanyawaad kar diya karo
    jisne tumhein hansne hi wajhe di..
    kuchh samay ke liye hi sahi
    kisi ne thodha saath to diya..
    koi bewafa nahin hai yahan dost..
    na hi koi dushman hai...
    dil dukhaane waalon ko bhi shukriya
    unhone dil ke hone ka ehsaas to dilaaya...

    khuda Hafiz..


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Thanks